हरिशंकर परसाई (1922 – 1995)
❖जन्म – जमानी गाँव , जिला होशंगाबाद , मध्यप्रदेश
❖नागपुर विश्व विद्यालय से हिंदी में एम. ए. ।
❖जबलपुर से वसुधा नामक साहित्यिक पत्रिका।
कहानी संग्रह –
❖हँसते है रोते हैं
❖जैसे उनके दिन फिरे
उपन्यास –
❖रानी नागफनी की कहानी
❖तट की खोज
❖तब की बात और थी
❖भूत के पाँव पीछे
❖बेईमानी की परत
❖पगडंडियों का जमाना
❖सदाचार की तावीज
❖शिकायत मुझे भी है
❖और अंत में
व्यंग्य संग्रह –
❖वैष्णव की फिसलन
❖तिरछी रेखाएँ
❖ठिठुरता हुआ गणतंत्र
❖विकलांग श्रद्धा का दौर
❖सम्पूर्ण साहित्य परसाई रत्नावली के रूप में छह भागो में प्रकाशित।