अमरकांत ।। AMARKANT ।।

अमरकांत (1925 – 2014)

❖जन्म – उत्तरप्रदेश के बलिया जिले के नगरा गाँव मे।

❖मूल नाम – श्री राम वर्मा

❖अमरकांत ने अपने साहित्यिक जीवन की शुरुआत पत्रकारिता से की।

❖सबसे पहले आगरा से प्रकाशित होने वाले दैनिक पत्र सैनिक के संपादकीय विभाग में कार्य आरंभ किया।

❖आगरा में ही प्रगतिशील लेखक संघ से जुड़े।

सैनिक के अलावा उन्होंने दैनिक अमृत पत्रिकादैनिक भारत के संपादकीय विभाग में काम किया।

❖अमरकांत नयी कहानी आंदोलन के प्रमुख कहानीकार है।

❖इन्होंने अपनी कहानियों में शहरी और ग्रामीण जीवन का यथार्थ चित्रण किया।

❖वे मुख्यतः मध्यवर्ग के जीवन की वास्तविकता और विसंगतियों को व्यक्त करने वाला कहानीकार है।

❖इनकी कहानियों के शिल्प में पाठकों को चमत्कृत करने का प्रयास नही है । वे जीवन की कथा उसी ढंग से करते हैं जिस ढंग से जीवन चलता है।

अमरकांत की प्रमुख रचनाएँ –

कहानी संग्रह –

❖जिंदगी और जोंक

❖देश के लोग

❖मौत का नगर

❖मित्र मिलन

❖कुहासा

उपन्यास –

❖सूखा पत्ता

❖ग्राम सेविका

❖काले उजले दिन

❖सुखजीवी

❖बीच की दीवार

❖इन्ही हथियारों से

‘इन्ही हथियारों से ‘ उपन्यास पर उन्हें 2007 में साहित्य अकादमी पुरस्कार मिला।

❖इन्हें सन 2009 में श्री लाल शुक्ल के साथ संयुक्त रूप से भारतीय ज्ञानपीठ पुरस्कार दिया गया।

दोपहर का भोजन

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