SYLLABUS FOR ASSISTANT PROFESSOR IN HINDI PAPER 3RD सहायक प्रोफेसर पद के लिए हिंदी में पाठ्यक्रम

By Hindisahitya

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SYLLABUS FOR ASSISTANT PROFESSOR IN HINDI PAPER 3RD

राजस्थान लोक सेवा आयोग, अजमेर (RPSC)

SYLLABUS FOR ASSISTANT PROFESSOR IN HINDI PAPER 3RD

कॉलेज शिक्षा विभाग के लिए सहायक प्रोफेसर पद के लिए प्रतियोगी परीक्षा के लिए पाठ्यक्रम

पेपर-III

SYLLABUS FOR ASSISTANT PROFESSOR IN HINDI PAPER 3RD
SYLLABUS FOR ASSISTANT PROFESSOR IN HINDI PAPER 3RD

राजस्थान का सामान्य अध्ययन राजस्थान का इतिहास, कला, संस्कृति, साहित्य और विरासत

  • राजस्थान की प्राचीन सभ्यताएँ,
  • राजस्थान में मेसोलिथिक (उत्तर पाषाण युग) स्थलों यानी निम्बाहेड़ा, बागोर और मंडिया के विशेष संदर्भ में।
  • राजस्थान के प्रमुख राजवंश और युगों के दौरान इसके शासक और उनकी सांस्कृतिक उपलब्धियाँ (1000-1800 ई.)।
  • मुस्लिम शक्ति के विरुद्ध राजपूत शासकों का राजनीतिक प्रतिरोध।
  • रतन सिंह, हम्मीर, कान्हड़ देव और मालदेव, चन्द्रसेन और प्रताप का विशेष उल्लेख।

(i) मध्यकालीन राजस्थान में भक्ति आंदोलन और सूफीवाद, विशेष संदर्भ

  • मीरा, दादू और ख्वाजा मोइन-उद-दीन चिश्ती।
  • संत: रामदेवजी, गोगाजी, तेजाजी की शिक्षाओं पर विशेष जोर देना चाहिए।
  • पाबूजी, मल्लीनाथ, धन्ना, पीपा, हरिदास, रैदास, जसनाथ और अन्य संप्रदाय।

(ii) लोक देवी-देवता।

  • राजस्थान में राजनीतिक जागृति और स्वतंत्रता आंदोलन: 1857,
  • किसान और आदिवासी आंदोलन,
  • प्रजामंडल आंदोलन,
  • सामाजिक और राजनीतिक जागृति में महिलाओं का योगदान।

(i) लोक संस्कृति: मेले और त्यौहार, चित्रकला के विभिन्न स्कूल, लोक कथाएँ और गाथाएँ, लोक गीत, लोक नृत्य, लोक संगीत और वाद्ययंत्र।

(ii) पोशाक और आभूषण, हस्तशिल्प

 राजस्थानी भाषा: उत्पत्ति और विकास।

मुख्य बोलियाँ और क्षेत्र.

राजस्थानी लिपियाँ: मुड़िया और देवनागरी। (ए) राजस्थानी साहित्य: इसका विकास।

(i) प्रारंभिक काल

(ii) पूर्व-मध्यकाल

(iii)उत्तर-मध्यकाल

(iv) आधुनिक काल।

(बी) प्रसिद्ध लेखक और उनकी रचनाएँ।

पर्यटन और राजस्थान: विरासत, पर्यटन नीति और विजन।

 

  •  जनसंख्या-विशेषताएँ, पशुधन, जैव विविधता एवं उसका संरक्षण। • प्रमुख फसलों का उत्पादन एवं वितरण। प्रमुख सिंचाई परियोजनाएँ, प्रमुख उद्योग।
  • सूखा और अकाल, मरुस्थलीकरण, पर्यावरणीय समस्याएँ, आपदा प्रबंधन और महामारी।

राजस्थान की राजनीतिक एवं प्रशासनिक व्यवस्था

  •  राज्यपाल, मुख्यमंत्री और मंत्रिपरिषद।
  • राजस्थान की राज्य विधान सभा, उच्च न्यायालय एवं न्यायिक व्यवस्था।
  • राजस्थान लोक सेवा आयोग,
  • राज्य चुनाव आयोग,
  • राज्य वित्त आयोग,
  • राज्य मानवाधिकार आयोग,
  • राज्य महिला आयोग,
  • राज्य सूचना आयोग,
  • लोकायुक्त और महालेखा परीक्षक।
  •  मुख्य सचिव, शासन सचिवालय, मुख्यमंत्री कार्यालय (सीएमओ),
  • संभागीय आयुक्त, जिला प्रशासन, पंचायती संस्थाएँ
  • राज और शहरी स्थानीय-स्वशासन।

 सरकारी नीतियां और अधिकार आधारित नागरिकता:

  • सूचना का अधिकार,
  • सार्वजनिक सेवाओं की गारंटीकृत डिलीवरी,
  • नागरिक चार्टर,
  • सामाजिक लेखा परीक्षा,
  • जन सूचना पोर्टल,
  • राजस्थान संपर्क पोर्टल आदि।

राजस्थान की अर्थव्यवस्था

  •  राज्य की अर्थव्यवस्था की विशेषताएँ
  • व्यावसायिक वितरण।
  • राज्य घरेलू उत्पाद की संरचनागत प्रवृत्ति।

प्रमुख क्षेत्रीय मुद्दे.

(i) कृषि क्षेत्र: राजस्थान में कृषि क्षेत्र की विशेषताएँ। तिलहन और मसालों के विशेष संदर्भ में प्रमुख रबी और ख़रीफ़ फसलें। सिंचित क्षेत्र एवं प्रवृत्तियाँ, प्रवासी श्रमिकों की समस्याएँ एवं उनका पुनर्वास। कृषि ऋण.

(ii) पशुधन: पशुधन आबादी में रुझान। राजस्थान में दूध उत्पादन

(iii) औद्योगिक आउटलुक: राजस्थान के प्रमुख उद्योग। उद्योगों के विकास में बाधाएँ। राजस्थान में एमएसएमई. लघु उद्योगों की भूमिकाएँ एवं समस्याएँ। औद्योगिक रुग्णता. प्रमुख राज्य सार्वजनिक क्षेत्र के उद्यम। राजस्थान में SEZ. रीको और आरएफसी की भूमिका. कृषि-प्रसंस्करण नीति (2020)।

(iv) सेवा क्षेत्र: प्राथमिक शिक्षा, हाल के वर्षों में विकास। राज्य सरकार के स्वास्थ्य कार्यक्रम. मध्याह्न भोजन कार्यक्रम. इंदिरा रसोई योजना ।

(v) बुनियादी ढांचे का विकास: राष्ट्रीय राजमार्गों, राज्य राजमार्गों और ग्रामीण सड़कों में प्रगति। बिजली: बिजली उत्पादन में प्रगति. सौर ऊर्जा परियोजनाओं में हालिया प्रगति।

(vi) राजस्थान की हस्तशिल्प।

(vii) राजस्थान से निर्यात की प्रमुख वस्तुएँ।

(viii) आर्थिक और सामाजिक रूप से पिछड़े वर्गों, विकलांग लोगों, वृद्ध लोगों के विशेष संदर्भ में राज्य सरकार की नवीनतम प्रमुख कल्याणकारी योजनाएं। महिला सशक्तिकरण एवं बाल विकास के लिए उठाए गए कदम।

(ix) राजस्थान में क्षेत्रीय आर्थिक असमानताएँ।

नोट:- प्रश्न पत्र का पैटर्न

1. वस्तुनिष्ठ प्रकार का पेपर

2. अधिकतम अंक – 50

3. प्रश्नों की संख्या – 100

4. पेपर की अवधि – दो घंटे

5. सभी प्रश्नों के अंक समान हैं।

6. प्रतियोगी परीक्षा का माध्यम – अंग्रेजी और हिंदी

7. नेगेटिव मार्किंग होगी ।

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