RPSC COLLEGE LECTURER SYLLABUS HINDI SUBJECT FIRST PAPER 2024 PDF सहायक आचार्य – हिंदी , संस्कृत शिक्षा विभाग के पदों हेतु प्रतियोगिता परीक्षा का पाठ्यक्रम। राजस्थान लोक सेवा आयोग द्वारा आयोजित संकृत शिक्षा विभाग में सहायक आचार्य ( COLLEGE LECTURER) का पाठ्यक्रम जारी क्र दिया गया है । इस पोस्ट में हम आपको हिंदी विषय का पाठ्यक्रम उपलब्ध करवाने जा रहे है । आयोग द्वारा परीक्षा कब आयोजित की जायेगी इसके लिए संभावित माह आयोग द्वारा बता दिया गया है । आयोग इसके लिए 08सितम्बर से 15 सितम्बर के बीच परीक्षा का आयोजन करवाने जा रहे है ।
इकाई-1 – हिन्दी भाषा तथा व्याकरण
हिन्दी भाषा का उद्भव एवं विकास, हिन्दी भाषा की प्रमुख बोलियाँ- राजस्थानी, ब्रज, खड़ी बोली, अवधी, भोजपुरी । राजस्थानी भाषा का प्राचीन स्वरूप- डिंगल ; राजस्थानी भाषा की प्रमुख बोलियाँ, मारवाड़ी, मेवाती, ढूँढाडी, हाड़ौती, मेवाड़ी, वागड़ी। राजभाषा के रूप में हिन्दी की संवैधानिक स्थिति तथा मानक हिन्दी। देवनागरी लिपि की विशेषताएं तथा मानकीकरण। हिन्दी व्याकरण- मानक वर्णमाला, शब्द तथा शब्द निर्माण- उपसर्ग, प्रत्यय, संधि (स्वर, व्यंजन), समास, वाक्य एवं वाक्य भेद, शब्द शुद्धि एवं वाक्य शुद्धि। शब्द के व्याकरणिक प्रकार- संज्ञा, सर्वनाम, विशेषण, क्रिया, क्रिया विशेषण, सम्बंधसूचक अव्यय, समुच्चयबोधक अव्यय।
इकाई-2- भारतीय काव्य शास्त्र
काव्य- परिभाषा, काव्य लक्षण, काव्य हेतु और काव्य प्रयोजन, साहित्य का स्वरूप। भारतीय काव्यषास्त्र- रस सिद्धांत तथा साधारणीकरण, रस निष्पत्ति, ध्वनि सिद्धांत, वक्रोक्ति सिद्धांत , अलंकार सिद्धांत। अलंकार – अनुप्रास, यमक, श्लेष, वक्रोक्ति, उपमा, उत्प्रेक्षा, रूपक, संदेह, भ्रांतिमान, विभावना, वयण सगाई, अपन्हुति। छंद- दोहा, चौपाई, सोरठा, उल्लाला, छप्पय, कुंडलियां, गीतिका, हरिगीतिका, मंदाक्रांता, द्रुतविलंबित , कवित्त।
इकाई-3- पाश्चात्य काव्य शास्त्र
प्लेटो का काव्य सिद्धान्त । अरस्तू का काव्य सिद्धान्त- अनुकरण, विरेचन और त्रासदी; लौजाइनस – उदात्त सिद्धान्त; क्रोचे- अभिव्यंजना सिद्धान्त; काॅलरिज – कल्पना सिद्धान्त; टी.एस. एलियट – परंपरा एवं निर्वैयक्तिकता सिद्धान्त, मार्क्सवादी साहित्य चिन्तन, उत्तर आधुनिकतावाद तथा विखण्डनवाद।
इकाई-4- आदिकाल एवं मध्यकालः निर्धारित पाठ
- पृथ्वीराज रासो (पद्मावती समय) – चंदबरदाई, नागरी प्रचारणी सभा, वाराणसी
- कबीर ग्रन्थावली – (सं. श्यामसुन्दर दास) – आरंभिक 20 पद, साखियाँ- गुरु कौ अंग एवं विरह कौ अंग (प्रकाशक – नागरी प्रचारणी सभा – वाराणसी)
- मीराँ पदावली – सं0 डाॅ0 शम्भुसिंह मनोहर (प्रका0 रिसर्च पब्लिकेशनस, जयपुर)
- भ्रमरगीत सार – (सं. रामचन्द्र शुक्ल) – 21 से 50 पद (प्रकाशक – नागरी प्रचारणी सभा – वाराणसी)
- जायसी ग्रन्थावली – नागमती वियोग खंड (सं. रामचन्द्र शुक्ल) (प्रकाशक – नागरी प्रचारणी सभा – वाराणसी)
- कवितावली – तुलसीदास – पद संख्या 65 से 110 (नाम- विश्वास, कलि-वर्णन, राम-नाम-महिमा) (प्रकाशक – गीता प्रेस, गोरखपुर)
- बिहारी रत्नाकर – (सं. जगन्नाथ दास रत्नाकर) – आरंभिक 25 दोहे (प्रका0 गंगा पुस्तकमाला कार्यालय, लखनऊ)
- घनानंद कवित्त – (सं. विष्वनाथ प्रसाद मिश्र) – 1 से 25 तक छंद (प्रका0 वाणी वितान प्रकाशन, वाराणसी)
इकाई-5 – आधुनिक कालः निर्धारित पाठ
- कामायनी – जयशंकर प्रसाद (चिंता तथा श्रद्धा सर्ग)
- राम की शक्ति पूजा – सूर्यकान्त त्रिपाठी ’निराला’
- अंधेरे में – गजानन माधव मुक्तिबोध
- गोदान – प्रेमचन्द
- महाभोज (उपन्यास) – मन्नू भण्डारी
- आधे-अधूरे – मोहन राकेश
- निबंध- श्रद्धा और भक्ति (रामचन्द्र शुक्ल), नाखून क्यों बढ़ते हैं (हजारी प्रसाद द्विवेदी), राघवः करुणो रसः (कुबेरनाथ राय)।
- कहानियाँ – उसने कहा था (चंद्रधर शर्मा गुलेरी), कफ़न (प्रेमचन्द), पुरस्कार (जयशंकर प्रसाद), रोज़ (अज्ञेय), गदल (रांगेय राघव), परायी प्यास का सफर (आलमशाह खान), सलाम (ओमप्रकाश वाल्मीकि), आपकी छोटी लड़की (ममता कालिया)।
- यात्रा वृत्तान्त: सौंदर्य की नदी नर्मदा – अमृतलाल वेगड
प्रश्न पत्र का पैटर्न
- सभी प्रश्न वस्तुनिष्ठ होंगे ।
- प्रश्न पत्र अधिकतम अंक 75 का होगा ।
- प्रश्नों की संख्या 150 होगी ।
- समय तीन घंटों का रहेगा ।
- सभी प्रश्नों के अंक सामान है ।
- नकारात्मक अंक इसमें है ।
इन्हें भी देखे – स्कूल व्याख्याता प्रथम प्रश्न पत्र का पाठ्यक्रम हिंदी में
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सहायक आचार्य तृतीय प्रश्न का पाठ्यक्रम हिंदी में – CLICK HERE
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