वरिष्ठ अध्यापक 2022
विषय – हिंदी
परीक्षा दिनांक – 22 दिसम्बर , 2022
उत्तरकुंजी – 20 मार्च , 2023
RPSC ANSWER KEYS
1. निम्नलिखित रचनाओं को उनके रचनाकारों के साथ सुमेलित कीजिए –
रचनाएं रचनाकार
(क) आपका बंटी (i) मैत्रेयी पुष्पा
(ख) अन्या से अनन्या (ii) चित्रा मुद्गल
(ग) आंवा (iii) प्रभा खेतान
(घ) इदन्नमम् (iv) मन्नू भण्डारी
सही विकल्प है –
(1) (क)-1, (ख)-iv, (ग)-ii, (घ) -iii
(2) (क)-iv, (ख)-iii, (ग) –ii, (घ) – i
(3) (क)-iii, (ख)-ii, (ग)-i, (घ)-iv
(4) (क) –ii, (ख)–i, (ग) – iv (घ)-iii
2. प्रारंभ में पिंगल’ नाम किस बोली के लिए प्रयुक्त होता था ?
(1) खड़ीबोली
(2) मारवाड़ी
(3) ब्रजभाषा
(4) अवधी
3. रीतिकाल को श्रृंगार काल की संज्ञा देने वाले विद्वान हैं –
(1) विश्वनाथ प्रसाद मिश्र
(2) नगेन्द्र
(3) मिश्र बन्धु
(4) भगीरथ मिश्र
4. विभावना अलंकार होता है –
(1) कारण के होने पर भी कार्य न हो।
(2) कारण के साथ कार्य हो जाए।
(3) जब कारण कहीं और कार्य कहीं और हो
(4) कारण के बिना कार्य हो जाए।
5. ‘शुक्लजी ने प्रथम बार हिंदी साहित्य के इतिहास को कविवृत्तसंग्रह की पिटारी से बाहर निकाला। उक्त कथन किसका है?
(1) डॉ. नगेंद्र
(2) हजारी प्रसाद द्विवेदी
(3) नंददुलारे वाजपेयी
(4) विश्वनाथ प्रसाद मिश्र
6. देवनागरी लिपि से संबंधित है –
(1) शारदा लिपि
(2) खरोष्ठी लिपि
(3) चित्र लिपि
(4) कुटिल लिपि
7. किस वाक्य में संदिग्ध वर्तमान काल है?
(1) वह घर जा चुका होगा ।
(2) बच्चा आनंदपूर्वक सोता होगा ।
(3) उसने गीत गाया होगा।
(4) शायद वह जयपुर जाए।
8. पिय बिछुरन को दुसह दुख, हरषु जात प्योंसार पंक्ति की समानता निम्नलिखित में किससे की गई है ?
(1) युद्ध स्थल में खड़े अर्जुन की दशा से
(2) द्रौपदी के चीरहरण पर उसकी विह्वल दशा से
( 3 ) सीता हरण के पश्चात् राम की दशा से
(4) दुर्योधन की भांति प्राण त्यागते समय की दशा से
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9. निम्नलिखित में से अशुद्ध वाक्य का चयन कीजिए-
(1) आपका उत्तर मुझसे अच्छा है।
(2) मेरे मित्रों को और मुझे क्रिकेट खेलने का शौक है।
(3) मजदूरों में रोष था, इसलिए उन्होंने घेराव किया।
(4) वे ईमानदार इंसान हैं।
10. किस विकल्प में गुणवाचक विशेषण नहीं हैं?
(1) पिछला, वर्तमान, नया
(2) उचित, शांत, सीधा
(3) सब, यथेष्ट, समूचा
(4) काला, बुरा, दुष्ट
11. निम्नलिखित में गलत कथन है –
(1) विभाव को रस का कार्य कहा जाता है।
(2) संचारी भाव स्थायी भावों के उपकारक होते हैं और उन्हें रस दशा तक पहुँचाते हैं।
(3) अनुभाव द्वारा रसास्वादन की सूचना प्राप्त होती है।
(4) संचारी भाव रस की सिद्धि तक स्थिर नहीं रहते, अपितु उत्पन्न और विलीन होते रहते हैं।
12. रैण दिना वाके, संगि खेलूँ’ और ‘झिरमिट खेलन जाती’, पंक्तियों से मीरा का कृष्ण के प्रति निम्नलिखित में से कौनसा भाव प्रकट होता है?
(1) सख्य भाव
(2) दाम्पत्य भाव
(3) आराध्य भाव
(4) दास्य भाव
13. शुद्ध वाक्य बताइए –
(1) आप कब आ रहे हो।
(2) आप कब आ रहे?
(3) आप कब आ रहे हो?
(4) आप कब आ रहे हैं?
14. कहानीकारों और कहानियों को सुमेलित कीजिए
कहानीकार कहानी
(अ) मणिका मोहिनी (i) पत्थर गली
(ब) नासिरा शर्मा (ii) ढाई आखर प्रेम का
(स) चित्रा मुद्गल (iii) उसका यौवन
(द) ममता कालिया (iv) अपनी वापसी
(1) (अ)-ii, (ब)-iv, (स)-iii, (द) i
(2) (अ)-iii, (ब)-ii, (स)-i, (द) – iv
(3) (अ)-iv, (ब)-iii, (स)-ii, (द)-i
(4) (अ)-ii, (ब)–i, (स)–iv, (द)-iii
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15. निम्नलिखित में से असंगत कथन कौनसा है ?
(1) जहाँ अपने से छोटों के प्रति शुभकामनाएं और सद्भावनाएं प्रकट की जाएँ, वहां विस्मयादिबोधक चिह्न का प्रयोग होता है।
(2) महत्त्वपूर्ण कथन, कहावत, संधि आदि को उद्धृत करने में दुहरे उद्धरण चिह्न का प्रयोग होता है।
(3) जहाँ स्थिति निश्चित न हो, वहाँ प्रश्नवाचक चिह्न का प्रयोग होता है।
(4) जहाँ कोई विशेष शब्द, पद, वाक्य – खंड इत्यादि उद्धृत किए जाएँ वहाँ दुहरे उद्धरण चिह्न का प्रयोग होता है।
16. “जिनि मानिष तँ देवता करत न लागी बार’, ‘बार’ का भावार्थ है –
(1) विलम्ब
(2) नमस्कार
(3) आवृत्ति
(4) उपालम्भ
17. “तबहिं उपगसुत आय गए।
सखा सखा कछु अंतर नाहीं भरि भरि अंक लए।”
यहां ‘उपगसुत’ से आशय है –
(1) कृष्ण
(2) सुदामा
(3) उद्धव
(4) बलराम
18. जब लक्ष्यार्थ में वाच्यार्थ सम्मिलित रहता है। शब्द शक्ति होती है –
(1) प्रयोजनवती – लक्षणा
(2) रूढ़ि – लक्षणा
(3) उपादान – लक्षणा
(4) लक्षण – लक्षणा
19. “वास्तव में श्रृंगार और वीर इन्हीं दो रसों की कविता इस काल में हुई। प्रधानता श्रृंगार की ही रही। इससे इस काल को रस के विचार से कोई श्रृंगालकाल कहे, तो कह सकता है।” यह कथन किनका है?
(1) आचार्य हजारीप्रसाद द्विवेदी
(2) आचार्य विश्वनाथ प्रसाद मिश्र
(3) डॉ. नगेंद्र
(4) आचार्य रामचंद्र शुक्ल
20. स्थायी भाव नहीं है –
(1) रति
(3) शोक
(4) क्रोध
21. किस लोकाक्ति का भावार्थ सही नहीं है?
(1) नेकी कर दरिया में डाल – भला करके मूल जाना चाहिए
(2) होनहार बिरवान के होत चीकने पात – स्वस्थ पौधे के पत्ते चीकने होते हैं
(3) हथेली पर सरसों नहीं उगती – समय आने पर काम होता है, जल्दबाजी से नहीं
(4) न रहेगा बाँस न बजेगी बाँसुरी – समस्या को जड़ से मिटाना
22. ‘कामायनी’ के काव्य शिल्प के विषय में गलत कथन है-
(1) इसकी कथावस्तु का मूलाधार पुराण हैं।
(2) यह आदिमानव की कथा तो हैं ही, पर इसके माध्यम से वर्तमान के महत्त्वपूर्ण प्रश्नों पर भी विचार किया गया है।
(3) सर्गों का नामकरण मनोविकारों के नाम पर हुआ है।
(4) यह अपने रूपकत्व में एक मनोवैज्ञानिक और दार्शनिक मंतव्य को प्रकट करती है।
23. निम्नलिखित में शुद्ध शब्द है –
(1) सुश्रूषा
(2) शुश्रूषा
(3) शुश्रुषा
(4) सुश्रुषा
24. किस विकल्प के सभी शब्द शुद्ध हैं?
(1) उष्मा, प्रतीक्षा
(2) कुमुदनी, आशीर्वाद
(3) उषा, वाल्मीकि
(4) ऐच्छिक, रात्री
25. सोरठा छंद है –
(1) वर्णिक अर्द्ध सम छंद
(2) मात्रिक अर्द्धसम छंद
(3) वर्णिक सम छंद
(4) मात्रिक विषम छंद
26. “गुरु प्रसाद सूई के नांकै हस्ती आवै जाँही।” इस पंक्ति में कबीर का अभिप्राय है –
(1) गुरु कृपा से असंभव कार्य भी सहज संभव हो जाते हैं।
(2) गुरु कृपा से हाथी प्राप्त हो जाता है।
(3) गुरु कृपा से सुई भी हाथी के समान महत्त्वपूर्ण हो जाती है।
(4) गुरु कृपा से सुई से हाथी वश में आ जाता है।
27. ‘मेरी भव बाधा हरौ, राधा नागरि सोइ । जा तन की झांई परै स्यायु हरित दुति होई।’ दोहे में ‘हरित – दुति पद का अर्थ नहीं है –
(1) हृतद्युति
(2) कल्मषता
(3) हरे रंग वाला
(4) प्रसन्न वदन
28. निम्नलिखित में गलत विवरण है –
(1) द्विवेदी युग में निबंध साहित्य की उपलब्धियां नगण्य हैं।
(2) आचार्य रामचंद्र शुक्ल ने वैचारिक निबंधों को चरमोत्कर्ष तक पहुंचाया।
(3) निबंधकार बालकृष्ण भट्ट और प्रतापनारायण मिश्र को आचार्य शुक्ल ने हिंदी का ‘स्टील’ और ‘एडीसन’ कहा है।
(4) हजारी प्रसाद द्विवेदी के ललित निबंधों में सांस्कृतिक विरासत, नवीन जीवनबोध, उत्कट जिजीविषा और नई सामाजिक समस्याओं का चित्रण है।
29. वचन के संबंध में कौनसा विवरण सही नहीं है?
(1) कुछ संज्ञा शब्द सदैव एकवचन और कुछ सदैव बहुवचन होते हैं।
(2) अधिकतर संज्ञा शब्द एकवचन से बहुवचन के रूप में परिवर्तित होते हैं।
(3) वाक्य में वचन की पहचान केवल क्रियाओं द्वारा होती है।
(4) इसके कारण विकारी शब्दों में रूपांतरण होता है।
30. निम्नलिखित में गलत कथन है-
(1) ‘चंदनबालारास’ एक महाकाव्य है।
(2) ‘श्रावकाचार की रचना जैन आचार्य देवसेन ने की थी ।
(3) ‘स्थूलिभद्ररास’ के रचनाकार जिनधर्मसूरि माने जाते हैं।
(4) मुनि जिनविजय ने ‘भरतेश्वर बाहुबलीरास को जैन साहित्य की रास परंपरा का प्रथम ग्रंथ माना है।
31. ‘भक्तमाल’ के रचयिता थे –
(1) कृष्ण पहारी
(2) रामानन्द
(3) नाभादास
(4) अनंतानंद
32. रीतिकालीन साहित्य के विषय में असत्य कथन है-
(1) मतिराम के काव्य में ऋतुवर्णन सर्वाधिक है।
(2) घनानंद का प्रेम एकांगी है।
(3) भूषण के काव्य में अतिशयोक्ति है।
(4) देव रीतिबद्ध काव्य धारा के कवि हैं।
33. शब्द – शक्ति के संबंध में असंगत कथन कौनसा है?
(1) जब वाच्यार्थ सर्वथा परित्यक्त नहीं होता, तब उपादान लक्षणा होती है।
(2) जब व्यंजन शब्द में हो तथा शब्द बदल देने से व्यंग्यार्थ नष्ट हो जाए तब शाब्दी व्यंजना होती है।
(3) जब व्यंजना शब्द और अर्थ दोनों में हो तब भार्थी व्यंजना होती है।
(4) जब लक्ष्यार्थ मे वाच्यार्थ सम्मिलित नहीं होता, तब लक्षण-लक्षणा शब्द शक्ति होती है।
34. ‘इक – डंकी गिण ऐक-रो, भूले कुळ-साभाव्र, कवि किंस एक शासक की बात कर रहा है?
(1) राजपूताना नरेश
(2) अकबर
(3) अंग्रेज
(4) जयपुर नरेश
35. जायसी की देवनागरी लिपि के वर्णों पर आधारित काव्य रचना है –
(1) अखरावट
(2) पद्मावत
(3) मधुमालती
(4) आखरी कलाम
36. निम्नलिखित रचनाकारों को उनकी रचनाओं के नाम से सुमेलित कीजिए तथा सही विकल्प का चयन कीजिए –
रचनाकार – रचनाएं
(क) रघुवीर सहाय (i) नाटक जारी
(ख) धूमिल (ii) गर्म हवाएं
(ग) लीलाधर जगूड़ी (iii) संसद से सड़क तक
(घ) सर्वेश्वर दयाल सक्सेना (iv) कुछ पते कुछ चिट्ठियां
सही विकल्प है –
(1) (क) – iii, (ख) – i, (ग) – ii, (घ) – iv
(2) (क) – iv, (ख) – iii, (ग) – i, (घ) – ii
(3) (क) – iv, (ख) – ii, (ग) – i, (घ) – iii
(4) (क) – ii , (ख) – i (ग) – iii (घ) – iv
37. यदि तुम परिश्रम करोगे तो तुम्हें परीक्षा में सफलता मिलेगी।’ वाक्य का प्रकार है –
(1) विधानवाचक
(2) इच्छावाचक
(3) संकेतवाचक
(4) विस्मयवाचक
38. भक्तिकालीन कृष्ण काव्य के संबंध में कौनसा विवरण गलत है?
(1) अष्टछाप के सभी कवि सूरदास के प्रभाव से पूर्णतः मुक्त हैं।
(2) अधिकांश कृष्ण काव्य गीतिपदों में लिखा गया है।
( 3 ) पुष्टिमार्गीय कृष्ण काव्य में गोपाल कृष्ण की बाललीला को विशेष महत्त्व दिया गया है।
(4) इस काव्य की एक सामान्य प्रकृति है कि यह अधिकतर मुक्तक रूप में रचा गया है।
39. राणा हम्मीर ने राजा मालदेव दहेज में क्या मांगा ?
(1) मगरा, गोडवाड आदि आठ जिले
(2) कामदार मौजीराम
(3) अनेक दास-दासियां
(4) अपार धन-सम्पदा
40. पदक्रम के संबंध में असंगत कथन निम्नलिखित में से कौनसा है?
(1) संबंधवाचक और उसके अनुसंबंधी सर्वनाम के कर्मादि कारक बहुधा वाक्य के आदि में आते हैं।
(2) समानाधिकरण शब्द मुख्य शब्द के पहले आता है तथा पहले शब्द में विभक्ति का प्रयोग होता है।
(3) प्रश्नवाचक क्रिया विशेषण और सर्वनाम अवधारण के लिए मुख्य क्रिया और सहायक क्रिया के बीच में भी आ सकते हैं।
(4) अवधारण के लिए भेदक और भेद्य के बीच में संज्ञा, विशेषण और क्रिया विशेषण आ सकते हैं।
41. ‘तिमाही’ में कौनसा समास है?
(1) द्विगु
(2) तत्पुरुष
(3) द्वन्द्व
(4) कर्मधारय
42. निम्नलिखित में संदेहवाचक वाक्य है –
(1) अध्यापक के साथ संभवतः छात्र भी आएँ ।
(2) क्या तुम मेरे साथ चलोगे?
(3) अगर तुमने परिश्रम किया होता तो सफल हो जाते।
(4) संभावना पहली कक्षा में पढ़ती है।
43. निम्नलिखित में से ‘विग्रह’ शब्द का अर्थ नहीं है –
(1) कलह
(2) शरीर
(3) विचार
(4) विस्तार
44. किस विकल्प में वाक्यांश और उसके लिए प्रयुक्त सार्थक शब्द असंगत हैं?
(1) जो बहुत कठिनाई से मिलता है – दुर्लभ.
(2) आदि से अंत तक – आद्योपांत
(3) जिसका कोई शत्रु नहीं जन्मा हो- अजातशत्रु
(4) लौटकर आया हुआ – अभ्यागत
45. ‘लहरों के राजहंस’ नाटक का पात्र निम्नलिखित में से कौन नहीं है?
(1) नीहारिका
(2) मैत्रेयी
(3) शशांक
(4) नन्द
निर्देश: प्र.सं. 46-48 के उत्तर अपठित गद्यांश के आधार पर दीजिए –
भूमि, जन और जन की संस्कृति को राष्ट्र कहते हैं। प्रत्येक नागरिक पर राष्ट्र के प्रति तीन प्रकार के ऋण हैं देवऋण, पितृ ऋण तथा ऋषि ऋण प्रत्येक नागरिक को अपने-अपने ऋणों को चुकाकर राष्ट्र के प्रति अपने कर्तव्यों का निर्वाह करना चाहिए। राष्ट्र हमारा पालन-पोषण एवं संवर्द्धन करता है, अतः उसे माता के समान माना गया है। हमें राष्ट्र को माँ के समान सम्मान देना चाहिए। राष्ट्र की प्रगति और सुख-समृद्धि में प्रत्येक नागरिक की साझेदारी हो, ऐसा प्रयास करना ही राष्ट्र वंदना है, राष्ट्र पूजा है। यही उसके राष्ट्र प्रेम, देश भक्ति तथा मातृभूमि के प्रति सर्वस्व समर्पण की भावना को प्रकट करता है। राष्ट्र को स्वावलंबी बनाने में हमारी भूमिका निर्णायक सिद्ध होगी। हमें करों का भुगतान पूरी ईमानदारी के साथ करना चाहिए। कर वंचक राष्ट्र की आर्थिक दशा को खोखला करते हैं।
46. तीनों ऋण चुकाने के उपरांत के लिए क्या अपेक्षित है?
(1) लोकोपयोगी परंपराओं के प्रसार का दायित्व ।
(2) दुष्प्रवृत्तियों को दूर करते हुए सत्प्रवृत्तियों को बलिष्ठ बनाने का दायित्व ।
(3) जीवन के चतुर्थ काल में मायामोह त्यागकर संन्यास ग्रहण करना ।
(4) राष्ट्र के प्रति अपने कर्तव्यों का निर्वहन ।
47. राष्ट्र के आर्थिक खोखलेपन को किस प्रकार दूर किया जा सकता है?
(1) समुन्नत कृषि द्वारा
(2) करों का भुगतान करके
( 3 ) तीव्र औद्योगिक विकास द्वारा
(4) बेरोजगारी मिटाकर
48. राष्ट्र के प्रति प्रेम और भक्ति भाव प्रदर्शित करने वाले विभिन्न घटकों में से किसका उल्लेख उक्त अवतरण में नहीं हुआ है?
(1) राष्ट्र की प्रगति में साझेदारी
(2) राष्ट्रीय प्रतीकों के प्रति सम्मान
(3) मातृभूमि के प्रति सम्मान
(4) राष्ट्र के प्रति कर्तव्यों का निर्वहन
निम्नलिखित पद्यांश के आधार पर प्रश्न संख्या 49 से 50 तक के उत्तर दीजिए-
“ब्रह्मा से कुछ लिखा भाग्य में,
मनुज नहीं लाया है,
अपना सुख उसने अपने
भुजबल से ही पाया है।
प्रकृति नहीं डरकर झुकती है
कभी भाग्य के बल से,
सदा हारती वह मनुष्य से,
उद्यम से श्रमजल से।
49. पद्यांश के आधार पर असंगत कथन बताइये –
(1) श्रम से प्रकृति पर विजय प्राप्त कर इच्छानुसार फल प्राप्ति हो सकती है।
(2) मनुष्य स्वयं अपने भाग्य का निर्माता है।
(3) जन्म से पूर्व ही प्रकृति मनुष्य के भाग्य में सब कुछ लिख देती है।
(4) भाग्यवादी मानते हैं कि ईश्वर ही भाग्य का निर्माता है।
50. “ब्रह्मा से कुछ लिखा भाग्य में मनुज नहीं लाया है- पंक्ति का आशय है –
(1) ईश्वर ही प्रकृति है जो मनुष्य के भाग्य को लिखती है।
(2) मनुष्य भाग्य से नहीं अपितुं कर्म से इच्छित फल प्राप्त करता है।
(3) कर्म की अपेक्षा भाग्य श्रेष्ठ है ।
(4) मनुष्य अपना भाग्य अपने सुख से प्राप्त करता है।
51. निम्नलिखित में अशुद्ध शब्द है –
(1) योद्धा
(2) पुनर्जन्म
(3) अभ्यंतर
(4) उलंघन
52. प्रेमाख्यान काव्य परंपरा से संबंधित गलत तथ्य है –
(1) इस परंपरा के काव्य प्रबंधात्मक शैली में रचित हैं।
(2) सभी प्रेमाख्यान मुस्लिम कवियों द्वारा रचित है ।
(3) इनके पात्र मुख्यतः दो श्रेणियों मानवीय और मानवेतर के हैं।
(4) इन काव्यों में प्रेम को जीवन का सर्वोपरि तत्त्व माना गया है।
53. ‘गज-गैंडा धीर न धरै वज्र पड़े वघ – वाव’, ‘वीर सतसई पद में वघ-वाव शब्द का अर्थ है –
(1) वज्र जैसा शस्त्र
(2) शत्रु पर प्रहार
(3) सिंह की गंध
(4) वन की वायु
54. राजा मालदेव ने राणा हम्मीर के पास अपनी पुत्री का विवाह प्रस्ताव क्यों भेजा ?
(1) पुत्री की इच्छा के वशीभूत होकर
(2) भविष्य के मधुर संबंधों के लिए
(3) छल-कपट की योजनानुसार
(4) रानी के हठ के कारण
55. निम्नलिखित में अशुद्ध शब्द है –
(1) मिष्ठान्न
(2) अन्तर्धान
(3) उपलक्ष्य
(4) सौजन्य
56. किस विकल्प के सभी शब्द परस्पर पर्यायवाची नहीं हैं?
(1) तोय, तड़ाग, आपगा
(2) ईप्सा, स्पृहा, वांछा
(3) निलंय, सदन, निकेतन
(4) कोविद, सुधी, बुध
57. कौनसा विकल्प सुमेलित नहीं है?
(1) केदारनाथ अग्रवाल – युगांत
(2) नागार्जुन – सतरंगे पंखों वाली
(3) गिरिजाकुमार माथुर – धूप के धान
(4) त्रिलोचन – धरती
58. रामानंद के शिष्यों में सम्मिलित नहीं है –
(1) धन्ना
(2) सेना
(3) पीपा
(4) मलूकदास
59. ‘नर का बहाया रक्त, हे भगवान! मैंने क्या किया। यह उद्गार किसका है?
(1) युधिष्ठिर
(2) दुर्योधन
(3) सत्य
(4) भीष्म पितामह
60. ‘दाँतों तले अंगुली दबाना, मुहावरे का अर्थ है –
(1) दाँतों से अँगुली काटना ।
(2) प्रभाव जमाना
(3) आश्चर्य चकित होना।
(4) दुखी हो जाना ।
61. ‘चिकने घड़े पर पानी नहीं ठहरता, लोकोक्ति का भावार्थ है –
(1) मूर्ख व्यक्ति बहुत समझाने पर भी नहीं समझता ।
(2) बातें करने वाले लोग काम नहीं करते।
(3) समझदार व्यक्ति पर बुरी संगति का असर नहीं होता ।
(4) निर्लज्ज व्यक्ति पर किसी बात का असर नहीं होता।
62. उपन्यास के विकास क्रम से संबंधित कौनसा कथन गलत है?
(1) भारतेंदु युग में सामाजिक, ऐतिहासिक, तिलस्मी – ऐयारी आदि उपन्यासों का सूत्रपात हुआ ।
(2) प्रेमचंद से पूर्व हिंदी उपन्यास चरमोत्कर्ष को प्राप्त कर चुका था ।
(3) प्रेमचंद ने हिंदी कथा साहित्य को मनोरंजन के स्तर से उठाकर जीवन के साथ सार्थक रूप से जोड़ने का कार्य किया।
(4) प्रेम के उपरांत मनोविज्ञान, इतिहास, ग्रामांचल आधुनिकताबोध, प्रयोगशीलता आदि विविध पृष्ठभूमियों पर उपन्यास लिखे गए।
63. पूर्वी हिंदी को अंतर्गत कौनसी बोली नहीं है ?
(1) छत्तीसगढ़ी
(2) बुंदेली
(3) बघेली
(4) अवधी
64. “भनिति मोरि सब गुनरहित, बिस्वबिदित गुन एक।
सो बिचारि सुनिहहिं सुमति जिन्हके बिमल बिबेक ।।”
उक्त पद्यांश में तुलसीदास ने किस गुण की ओर संकेत किया है?
(1) प्रभु का चरित्र
(2) संस्कृत के स्थान पर लोकभाषा अवधी का प्रयोग
(3) रोचक कथा तत्व
(4) पाठकों की काव्य रुचि
65. “भगत देखो राजी ह्ययाँ, जगत देख्याँ रूयाँ ।
असुवा जलसींच सींच प्रेम बेल बूयाँ।”
उक्त पद्यांश से संबंधित पद के अनुसार मीरों के रुदन के पीछे कौनसा कारण नहीं है?
(1) आश्रयहीनता
(2) बंधु-बांधवों का विरोध संसार की दुर्दशा
(3) परिवार वालों के अत्याचार
(4) संसार की दुर्दशा
66. निम्नलिखित में गलत कथन है-
(1) मानव स्वभाव की तीन प्रवृत्तियाँ कोमल, परुष और मध्यम – रीति विभाजन का आधार बनीं।
(2) आचार्य वामन ने रीति के तीन प्रकार माने हैं।
(3) समति एवं वर्ण गुंफ रीतियों के विभाजन के बाह्य आधार माने गए।
(4) माधुर्य गुण व्यंजक वर्ण, ललित पद और अल्प समासयुक्त रीति गौड़ी है।
67. अत्यंत शब्द में उपसर्ग है
(1) अत
(2) अ
(3) अति
(4) अत्य
68. निम्नलिखित रचनाओं का उनकी विधाओं के साथ सुमेलित सही वर्ग है-
रचना विधा
(क) बाणभट्ट की आत्मकथा (i) नाटक
(ख) आत्मजयी (ii) उपन्यास
(ग) स्मृति की रेखाएं (iii) काव्य संग्रह
(घ) आषाद का एक दिन (iv) संस्मरण
सही विकल्प है –
(1) (क) – ii, (24) – i (ग) – iv (घ) – ii
(2) (क) – ii, (ख) – iii, (ग) – iv, (घ) – i
(3) (क) – iv, (ख) – ii, (ग) -iii, (घ) – i
(4) (क) – i (ख) – iv , (ग) – ii, (घ) – iii
69. मानक हिंदी का आधार कौनसी बोली है?
(1) कन्नौजी
(2) खड़ीबोली
(3) अवधी
(4) ब्रजभाषा
70. ढक रहे थे उसका वपु कांत, बन रहा था वह कोमल वर्म ।
‘वपु’ का अर्थ है –
(1) देह
(2) कान
(3) वस्त्र
(4) मस्तिष्क
71. आचार्य वामन के मतानुसार गुण विषयक कौनसा कथन सही नहीं है?
(1) अर्थ की स्पष्टता प्रसाद गुण है।
(2) गुण काव्य का नित्य तत्त्व है।
(3) ये काव्य के शोभाकारक धर्म हैं।
(4) गुणों की कुल संख्या तीन है।
72. सूबेदार हजारासिंह जर्मन अफसर को अपना लपटन साहब क्यों समझ बैठा ?
(1) उसने लपटन साहब की वर्दी पहन रखी थी।
(2) वह साफ-सुथरी पंजाबी बोल रहा था ।
(3) सरदारों की-सी दाढ़ी के कारण।
(4) उसका व्यवहार अत्यंत अपनत्वपूर्ण था ।
73. निम्नलिखित वाक्यों की शुद्धता पर विचार कीजिए
(अ) अपनी कक्षा के सभी लड़कों का नाम बताओ ।
(ब) महात्मा ने अपराधी को शाप दिया
(स) मैंने फलवाला से फल खरीदे !
(द) आपसे निवेदन है।
(य) जो आना चाहते हैं, वह आ सकते हैं।
उक्त में से शुद्ध वाक्य हैं –
(1) (अ), (य)
(2) ( ब) , (द )
(3) (अ), (स)
(4) (स), (य)
74. ”कामायनी’ उस अर्थ में कथा काव्य नहीं है, जिस अर्थ में ‘साकेत’ है। ‘कामायनी’ की कथा केवल एक फैण्टेसी है।” यह विचार किसका है?
(1) जयशंकर प्रसाद
(2) गजानन माधव मुक्तिबोध
(3) रामचन्द्र शुक्ल
(4) नंददुलारे वाजपेयी
75. भूषण द्वारा रचित ‘शिवराज भूषण’ काव्य का मुख्य विषय है –
(1) छत्रसाल की वीरता
(2) प्रकृति चित्रण
(3) राष्ट्रीय भावना
(4) अलंकार
76. निम्नलिखित वाक्यों में से कर्मवाच्य का उदाहरण कौनसा है?
(1) राम आम खाएगा।
(2) आम खाया जाता है।
(3) राम से आम खाया नहीं जाता।
(4) मैंने पुस्तक पढ़ी।
77. ‘उजाले के मुसाहिब’ कहानी का मूल कथ्य है –
(1) सामन्तों की चाटुकारिता पर व्यंग्य
(2) राजा द्वारा प्रजा के शोषण पर व्यंग्य
(3) राजा की अयोग्यता का चित्रण
(4) सामन्ती जीवन में भ्रष्टाचार का चित्रण
78. निम्नलिखित में शुद्ध वाक्य है-
(1) अब और स्पष्टीकरण करने की आवश्यकता नहीं है।
(2) इस कक्ष के भीतर प्रवेश करना निषेध है।
(3) अब वह गाँव से लौट चुका होगा।
(4) घोड़ा चलता चलता अड़ गया।
79. कौनसा विवरण सही नहीं है?
(1) ‘उक्तिव्यक्ति प्रकरण’ एक व्याकरण ग्रंथ है।
(2) ‘वसंतविलास’ में वीर रस की तीव्र धारा प्रवाहित हैं।
(3) ‘राउलवेल’ में नायिका का नख-शिख वर्णन है।
(4) ‘वर्णरत्नाकर’ मैथिली में रचित गद्य रचना है ।
80. किस वाक्य में संबंधसूचक अव्यय का प्रयोग नहीं हुआ है ?
(1) धन के बिना किसी का काम नहीं चलता ।
(2) नौकर मालिक के पास रहता है।
(3) यह काम पहले करना चाहिए।
(4) गाड़ी समय से पहले आई।
81. “सनि- कज्जल चख झख लगन उपज्यौ सुदिन सनेहु ।
क्यों न नृपति हवै भोगवैं लहि सुदेसु सबु देहु ।। ” उक्त दोहे के विषय में कौनसा तथ्य गलत है?
(1) नायक का राजा के रूप में चित्रण
(2) सखी का नायिका प्रति कथन
(3) श्लेष और रूपक अलंकार का सौंदर्य
(4) कवि का ज्योतिष ज्ञान
82. निम्नलिखित में से पुल्लिंग शब्द है
(1) निगम
(2) अग्नि
(3) मृत्यु
(4) तद्भव
83. इनमें से कौनसा शब्द विदेशी है?
(1) पपीता
(2) शाप
(3) जंघा
(4) तद्भव
84. ‘श्रद्धा-भक्ति’ निबंध से संबंधित असंगत विचार है –
(1) प्रेम में घनत्व अधिक है और श्रद्धा में विस्तार ।
(2) प्रेम का कारण बहुत कुछ अनिर्दिष्ट और अज्ञात होता है, पर श्रद्धा का कारण निर्दिष्ट और ज्ञात होता है।
(3) यदि प्रेम स्वप्न है, तो श्रद्धा जागरण है।
(4) प्रेम का व्यापार स्थल विस्तृत है, श्रद्धा का एकांत ।
85. ‘तुम धन्य हो ! तुम्हें धिक्कार है!!’ ‘लोभ और प्रीति निबंध में उक्त उद्गार का लक्ष्य है –
(1) आलसी
(2) प्रेमी
(3) लोभी
(4) योगी
86. “मनु जाहिं राचेउ मिलिहि सो बरु सहज सुंदर साँवरो।
करुना निधान सुजान सील सनेहु जानत रावरो।।”
उक्त पद्यांश के अनुसार सीता जी को किसने आशीर्वाद दिया?
(1) पार्वती जी ने
(2) मुनि विश्वामित्र ने
(3) राजा जनक ने
(4) राजा जनक के पुरोहित ने
87. ‘कंगाली में आटा गीला, लोकोक्ति का अर्थ है –
(1) थोड़ा-थोड़ा इकट्ठा करना ।
(2) धन की निरंतर कमी होना।
(3) मुसीबत पर मुसीबत आना ।
(4) कष्ट में राहत ।
88. दन्तोष्ठ्य व्यंजन बताइए –
(1) व
(2) त
(3) थ
(4) प
89. कविता सविता से अच्छा गाती है, वाक्य में कौनसा कारक है?
(1) संबंध कारक
(2) संप्रदान कारक
(3) करण कारक
(4) अपादान कारक
90. खोयों मैं घर में अवट, कायर जंबुक काम
सीहां केहा देसड़ा, जैथ रहै सो, धाम ।
उक्त काव्यांश के संबंध में असंगत तथ्य है –
(1) गीदड़ों द्वारा सिंहों को ललकारना
(2) कायरों की भर्त्सना
(3) अन्योक्ति अलंकार
(4) सूक्ति शैली का प्रयोग
91. आधुनिक काल को तीन चरणों में विभक्त करके उन्हें प्रथम, द्वितीय तथा तृतीय उत्थान किसने कहा है?
(1) हजारी प्रसाद द्विवेदी
(2) डॉ. विजयेन्द्र स्नातकं
(3) डॉ. नगेंद्र
(4) आचार्य रामचन्द्र शुक्ल
92 प्रेरणार्थक क्रिया के संबंध में कौनसा गलत कथन है?
(1) अधिकतर धातुओं से दो-दो प्रकार की प्रेरणार्थक क्रियाएँ बनती हैं।
(2) मूल धातु के जिस विकृत रूप से क्रिया के व्यापार में कर्ता पर किसी की प्रेरणा समझी जाती है, उसे प्रेरणार्थक क्रिया कहते हैं।
(3) सभी प्रेरणार्थक क्रियाएँ अकर्मक होती हैं।
(4) मूल धातु के अंत में ‘आ’ जोड़ने से पहली प्रेरणार्थक क्रिया और ‘वा’ जोड़ने से दूसरी प्रेरणार्थक क्रिया बनती है।
93. निम्नलिखित रचनाओं और रचनाकारों का सही युग्म नहीं है –
(1) परमाल रासो – जगनिक
(2) बीसलदेव रासो – नरपति नाल्ह
(3) खुमाण रासो – जयदेव
(4) हम्मीर रासो – शार्ङ्गधर (शार्ङ्गधर)
94. तत्सम तद्भव का कौनसा विकल्प सुमेलित नहीं है?
(1) स्वामी – साई
(2) पक्ष – पंख
(3) राजा – राय
(4) वत्स – बस्ती
95. सूर के भ्रमरगीत की विशेषता निम्नलिखित में से कौनसी नहीं है?
(1) प्रकृति के आलम्बन रूप की प्रधानता
(2) उक्ति वैचित्र्य एवं वाग्विदग्द्यतां की प्रधानता
(3) गोपियों की विरह वेदना
(4) उद्धव का उपहास
96. उपमा अलंकार के विषय में असंगत कथन है –
(1) काव्य में चारों अंग स्पष्टतः विद्यमान होने पर ही उपमा अलंकार होता है, अन्यथा नहीं।
(2) उपमेय को ‘प्रस्तुत विषय’ भी कहते हैं।
(3) उपमेय, उपमान, वाचक और साधारण धर्म इसके अंग है ।
(4) उपमान का अन्य नाम ‘अप्रस्तुत’ है।
97. कौनसा विकल्प सुमेलित नहीं है ?
(1) कवित्त – प्रत्येक चरण में 32 वर्ण
(2) हरिगीतिका – प्रत्येक चरण में 28 मात्राएँ
(3) द्रुतविलंबित – वर्णिक समवृत्त छंद
(4) चौपाई – मात्रिक सम छंद
98. कौनसा विकल्प सुमेलित नहीं हैं?
(1) रेखाएं बोल उठीं – देवेंद्र सत्यार्थी
(2) जो न भूल सका – कन्हैयालाल मिश्र प्रभाकर
(3) हमारे आराध्य – बनारसीदास चतुर्वेदी
(4) माटी की मूरतें – रामवृक्ष बेनीपुरी
99. किस विकल्प में सभी शब्द भाववाचक संज्ञा हैं?
(1) आकार, वर्तमान, समान
(2) समझ, बुढ़ापा, चतुराई
(3) मिठास, सत्य, पालतू
(4) गहरा, उष्णता, अनुचित
100. विधानवाचक वाक्य का उदाहरण है –
(1) ठंडी हवा चल रही है।
(2) शिकारी ने कबूतर को नहीं देखा !
(3) क्या वे त्यागपत्र देंगे?
(4) वहाँ मत जाओ।
101. निम्नलिखित में क्रियाविशेषण उपवाक्य नहीं है –
(1) छात्र नहीं आएँगे, अध्यापक जानता था ।
(2) जितनी दूर यह रहेगा, उतनी ही कार्यसिद्धि होगी ।
(3) ज़ब बिजली चली गई. सभा विसर्जित हो गई।
(4) यात्रा में जहाँ पहले दिन लगते थे, वहाँ अब घंटे लगते हैं।
102. “अभिप्राय यही है कि देवी यशोधरा का आकर्षण यदि राजकुमार सिद्धार्थ को बांधकर अपने पास रख सकता, तो क्या वे आज राजकुमार सिद्धार्थ ही न होते?” लहरों के राजहंस का यह संवाद है –
(1) अलका का सुंदरी के प्रति
(2) सुंदरी का नंद के प्रति
(3) सुंदरी का अलका के प्रति
(4) श्यामांग का श्वेतांग के प्रति
103. ‘पथिक! सँदेसो कहियो जाय।’ पद में पथिक शब्द किसके लिए आया है?
(1) अक्रूर के लिए
(2) मथुरा जाने वाले व्यक्ति के लिए
(3) उद्धव के लिए
(4) गोप के लिए
104. रचनाकारों और रचनाओं को समेलित कीजिए –
रचनाकार रचनाएं
(अ) अशोक वाजपेयी (i) रात अब भी मौजूद है
(ब) लीलाधर जगूड़ी (ii) पहाड़ पर लालटेन
(स) मंगलेश डबराल (iii) सुरत निरंत
(द) ऋतुराज (iv) समय के पास समय है
(1) (अ)-ii, (ब)-1, (स)-iv, (द) -iii
(2) (अ)- 11, (ब)-iv, (स)-iii, (द)-i
(3) (अ)-iv, (ब) – i, (स)- ii, (द)-iii
(4) (अ)-iv, ( ब) – ii , (स) – i ,( द) –iii
105. ‘पूर्वी हिंदी’ का उद्भव किस अपभ्रंश से हुआ ?
(1) शौरसेनी
(2) अर्धमागधी
(3) केकय
(4) मागधी
106. कौन से विकल्प में द्विगु समास के उदाहरण हैं?
(1) अमचूर, इकसठ
(2) शीतोष्ण, इकतारा
(3) घृतान्न , प्रेमसागर
(4) नीललोहित, इकतीस
107. ‘जिसका हृदय उतना मलिन जितना कि शीर्ष बलक्ष है।’ ‘बलक्ष से आशय है
(1) बलशाली
(2) वैभवशाली
(3) वलयाकार
(4) चमकीला
108. ‘वज्र सा कुछ टूटकर स्मृति से गिरा, दब गयै कौन्तेय दुर्वह भार से।’ कुरुक्षेत्र के अनुसार वज्र सा गिरने पर स्मृति हो आई –
(1) अभिमन्यु के अन्यायपूर्ण वध की
(2) युधिष्ठिर की द्यूत क्रीड़ा की
(3) आकाशीय बिजली गिरने की
(4) शरशैया पर लेटे भीष्म पितामह की
109. “जब मैं था तब हरि नहीं, अबा हरि हैं मैं नांहिं।
सब अँधियारा मिट गया, जब दीपक देखा मांहि ।। “
उक्त साखी का भावार्थ है –
(1) अहंकार त्यागे बिना परमात्मा से मिलना संभव नहीं
(2) अंधकार मिटाने के लिए प्रकाश आवश्यक है ।
(3) परमात्मा ज्योतिस्वरूप है, उसकी प्राप्ति से पीड़ा जनित अंधकार मिट जाता है।
(4) परमात्मा हमारे अंदर ही है, उसे बाहर खोजने की आवश्यकता नहीं ।
110. किस विकल्प में विराम चिह्न का नाम और उसका चिह्न सुमेलित नहीं हैं?
(1) अर्द्ध विराम = ;
(2) पूर्ण विराम = ।
(3) निर्देशक चिह्न = –
(4) त्रुटिपूरक पद या हंसपद = …….
111. निम्नलिखित में गलत संधि विच्छेद है –
(1) जगद्गुरु = जगत + गुरु
(2) वार्तालाप = वार्ता + आलाप
(3) मतैक्य = मत + ऐक्य
(4) पित्रिच्छा = पितृ + इच्छा
112. संवृत स्वर हैं-
(1) उ, ऊ
(2) ओ, औ
(3) ए , ऐ
(4) अ, आ
113. किस विकल्प में समश्रुत भिन्नार्थक शब्दों का अर्थभेद सुमेलित नहीं है?
(1) अलि – अली = सखी – भौंरा
(2) व्रण – वर्ण = घाव – रंग
(3) वस्तु – वास्तु = पदार्थ – भवन
(4) मल – मल्ल = गंदगी – पहलवान
114. रामचरित मानस के बालकाण्ड में वक्ता श्रोता के रूप में किसका उल्लेख नहीं है?
(1) काकभुशुण्डि – याज्ञवल्क्य
(2) याज्ञवल्क्य – विश्वामित्र
(3) शिव- काकभुशुण्डि
(4) याज्ञवल्क्य – भरद्वाज
115. निम्नलिखित पात्रों को रचनाओं से सुमेलित कीजिए –
पात्र रचना
(क) लहनासिंह (i) पूस की रात
(ख) दीवान (ii) उसने कहा था
(ग) फगना (iii) उजाले के मुसाहिब
(घ) हल्कू (iv) पटाक्षेप नहीं होगा
सही विकल्प है –
(1) (क) – i, (ख) – iv , (ग) – iii, (घ) – ii
(2) (क) – ii, (ख) – iii, (ग) – iv, (घ) – i
(3) (क) – ii, (ख) – iii, (ग) – i, (घ) – iv
(4) (क) – ii, (ख) – iv, (ग) – iii, (घ) – i
116. राहुल सांकृत्यायन के अनुसार पहले सिद्ध कवि जिन्होंने चर्यागीतों और दोहाकोश की रचना की –
(1) कण्हपा
(2) सरहपा
(3) शबरपा
(4) लुइपा
117.निम्नलिखित में से कौन सा शब्द तत्सम नहीं है?
(1) भक्त
(2) सपत्नी
(3) चौकी
(4) सूची
118. नाथ पन्थ के सन्दर्भ में उपयुक्त नहीं है –
(1) हठयोग अन्तः शुद्धि का साधन है।
(2) नाथ पंथ के प्रवर्तक मत्स्येन्द्रनाथ हैं।
(3) गुरु की महत्ता है।
(4) ईश्वर निराकार स्वरूप है।
119. निम्नलिखित में से कौनसा कथन आचार्य रामचंद्र शुक्ल के विचारों के विपरीत है?
(1) आलम रीतिबद्ध रचनाएं भी करते थे।
(2) ‘लोगन कवित्त, कीबो खेल करि जानो है।’ यह कहकर ठाकुर कवियों को चेतावनी दे रहे हैं कि कवि कर्म कठिन काम है।
(3) ‘विरह वारीश’ और ‘इश्कनामा’ बोधा की रचनाएं हैं।
(4) घनानंद की अधिकांश कविता भक्ति भाव की कोटि में नहीं आएगी, श्रृंगार की ही कही जाएगी।
120. ‘राम की शक्ति पूजा’ कविता सूर्यकांत त्रिपाठी ‘निराला’ के किस काव्य संग्रह में संकलित है?
(1) अनामिका
(2) गीतिका
(3) तुलसीदास
(4) परिमल
121. “आली री म्हारे गेणाँ बाण पड़ी।
मीरा गिरधर हाथ बिकाणी, लोग कहयाँ बिगड़ी ।।
इस पद के अनुसार मीरों के नेत्रों को कौनसी आछे पड़ गई है?
(1) दिन-रात आँसू बहाने की
(2) कृष्ण आगमन का पथ निहारने की
(3) सदैव बंद रहने की
(4) अहर्निश जागने की
122. निम्नलिखित में प्रबंधात्मक रचना नहीं है –
(1) शिवराज भूषण (भूषण)
(2) हिम्मतबहादुर विरुदावली ( पद्माकर)
(3) छत्रप्रकाश (लालकवि)
(4) सुजान चरित (सूदन)
123. निम्नलिखित में अशुद्ध शब्द है –
(1) वैयाकरण
(2) व्यावसायिक
(3) अतिथी
(4) सहानुभूति
124. ‘सु’ उपसर्ग का उदाहरण है।
(1) सुनसान
(2) सुंदर
(3) सुर
(4) सुलभ
125. द्विवेदीयुगीन काव्यधारा के विषय में कौनसा कथन सही नहीं है?
(1) इस युग का कवि रूढ़िमुक्त होकर नए युग की संवेदनाओं को ग्रहण करना चाहता था।
(2) इस युग के कुछ कवियों ने ब्रजभाषा में भी काव्य रचना की है।
(3) आचार्य शुक्ल ने इसे नई धारा (द्वितीय उत्थान)’ नाम दिया।
(4) इस युग में प्रबंधात्मक रचनाओं का नितांत अभाव रहा।
126. शब्द और उसमें प्रयुक्त प्रत्यय की दृष्टि से सुसंगत विकल्प है –
(1) दयालु – लु
(2) विदित – इत
(3) भाषण – अन
(4) माननीय – ईय
127. फगना आदि को लच्छीराम का प्रधान बनना क्यों गवारा नहीं था?
(1) लच्छीराम स्वयं प्रधान नहीं बनना चाहता था।
(2) वह अपनी जाति वालों से मन ही मन विद्वेष रखता था।
(3) उन्हें आशंका थी कि वह रामसिंह के हाथ की कठपुतली बन जाएगा।
(4) वह अनपढ़ और बहुत भोला था ।
128. ‘फल की विशेष आसक्ति से कर्म के लाघव की वासना उत्पन्न होती है।’ इसका भावार्थ है –
(1) अधिकाधिक फल की इच्छा कार्य में तीव्रता लाती है।
(2) फल के प्रति अधिक लगाव कर्म के प्रति उदासीनता पैदा करता है।
(3) अच्छे कर्मों से वांछित फल की प्राप्ति होती है।
(4) निष्काम भाव से कर्म सौंदर्य बढ़ता है।
129. किस विकल्प में विलोम शब्द-युग्म नहीं है?
(1) परुष – कोमल
(2) सदाशय- महाशय
(3) उद्धत – विनीत
(4) बर्बर – सभ्य
130. नाट्य साहित्य के विषय में कौनसा कथन सही नहीं है?
(1) भारतेंदु हरिशचंद्र ने पारसी थियेटर की आदर्शहीनता के विरुद्ध आदर्शवादी नाट्यकला के उत्थान का प्रयत्न किया।
(2) नाटक साहित्य की वह विधा है, जिसकी सफलता का परीक्षण रंगमंच पर होता है।
(3) प्रसाद के अधिकतर नाटक पौराणिक पृष्ठभूमि पर आधारित हैं।
(4) लक्ष्मीनारायण मिश्र समस्या नाटककार के रूप में प्रतिष्ठित हैं।
131. किसी शिक्षक के कक्षा में अध्यापनार्थ प्रवेश के बाद का पाठ कहलाता है –
(1) पाठ प्रस्तुति पूर्वभाग
(2) पाठ प्रस्तुतिकरण भाग
(3) संकलन भाग
(4) पाठ संयोजन भाग
132. नादं सौंदर्य, भाव- सौंदर्य एवं विचार सौंदर्य का अभ्यास कराया जाता है –
(1) व्याकरण शिक्षण में
(2) गद्य शिक्षण में
(3) पद्य शिक्षाण में
(4) नाटक शिक्षण में
133. भाषा शिक्षण का सिद्धांत नहीं है
(1) स्वाध्याय विधि का सिद्धांत
(2) स्वाभाविक विधि के अनुसरण का सिद्धांत
(3) रोचकता सिद्धांत
(4) वैयक्तिक विभिन्नता सिद्धांत
134. वस्तुनिष्ठ प्रश्न का प्रकार नहीं है –
(1) युगंलीकरण प्रश्न
(2) लघुत्तरात्मक प्रश्न
(3) सत्य / असत्य प्रश्न
(4) बहुविकल्प प्रश्न
135. अपने विचारों को सदियों तक सुरक्षित रखने हेतु निम्न में से किसकी आवश्यकता है?
(1) वाचन अभिव्यक्ति
(2) श्रवण अभिव्यक्ति
(3) ‘लिखित अभिव्यक्ति
(4) मौखिक अभिव्यक्ति
136. हरबर्ट के पंच पदीय पाठ योजना का तार्किक क्रम है –
(1) प्रस्तावना, प्रस्तुतीकरण, तुलना, प्रयोग, सामान्यीकरण
(2) प्रस्तुतीकरण, प्रस्तावना, तुलना, सामान्यीकरण, प्रयोग
(3) प्रस्तावना, प्रस्तुतीकरण, तुलना, सामान्यीकरण, प्रयोग
(4) प्रस्तावना, प्रस्तुतीकरण, सामान्यीकरण, तुलना, प्रयोग
137. अनुभूति प्रधान पाठ किसे कहा जाता है?
(1) सूचना प्रधान पाठों को
(2) कौशल पाठों को
(3) साहित्यिक पाठों को
(4) प्रायोगिक पाठों को
138..रंगमंच प्रणाली का दूसरा रूप है।
(1) कक्षाभिनय प्रणाली
(2) व्याख्या प्रणाली
(3) संवाद प्रणाली
(4) संयुक्त प्रणाली
139. आजकलं वर्तनी संबंधी अशुद्धियां माध्यमिक स्तर तथा उच्च माध्यमिक स्तर पर काफी पाई जा रही है, जिनका कारण नहीं है –
(1) व्याकरण की अनभिज्ञता
(2) उच्चारण की अशुद्धता
(3) लिपि के उचित ज्ञान का अभाव
(4) लेखन का प्रचुर अभ्यास
140. निम्नांकित में से कहानी शिक्षण का उद्देश्य है
(1) भाषा के सौंदर्य की समझ विकसित करना ।
(2) छंद, अलंकार एवं शब्दशक्ति का विकास करना ।
(3) उचित यति, गति एवं लय का विकास करना ।
(4) बोध, कल्पना एवं तर्कशक्ति का विकास करना ।
141.. इकाई विधि के प्रवर्तक हैं –
(1) हण्ट
(2) किलपैट्रिक
(3) एच. सी. मॉरीसन
(4) जॉन डीवी
142. मौखिक अभिव्यक्ति के मूल्यांकन हेतु कौनसी गतिविधि उपयुक्त नहीं है?
(1) लेखन कार्य
(2) वाद-विवाद
(3) परिचर्चा
(4) उत्सवों के अवसर पर भाषण,
143. चित्र विस्तारक यंत्र है –
(1) चित्रात्मक
(2) दृश्य
(3) श्रव्य
(4) श्रव्यं तथा दृश्य
144. ट, ठ, ष का उच्चारण स्थल है –
(1) मूर्द्धा
(2) कण्ठं
(3) वर्त्स्य
(4) ओष्ठ
145. भाषा किस प्रकार का विषय है?
(1) क्रियात्मकता प्रधान
(2) ज्ञान प्रधान
(3) सूचनात्मकता प्रधान
(4) तथ्यात्मकता प्रधान
146. ॠ का उच्चारण स्थान है
(1) कंठ
(2) मूर्धा
(3) दन्त्य
(4) तालु
147. “करम गति टारे हुँ नाहि टरै।” को एक शिक्षक अन्तर्कथा के माध्यम से विस्तारपूर्वक प्रस्तुत कर रहा है, वह शिक्षक पद्य शिक्षण की किस विधि से अध्यापन कार्य कर रहा है?
(1) भाव तुलना विधि
(2) समभाषा विधि
(3) व्याख्या विधि
(4) समीक्षा विधि
148. “हमारे विद्यालय में ऐसे छात्र पाए जाते हैं जो दोषरहित हैं परंतु उन्हें अपनी क्षमता बढ़ाने के लिए सहायता की आवश्यकता है।” किसने कहा?
(1) ब्लायर
(2) थॉर्नडाइक
(3) बी. एफ. स्किनर
(4) जॉन डीवी
149. आगमन प्रणाली का रूप है –
(1) पाठ्य-पुस्तक प्रणाली
(2) सूत्र प्रणाली
(3) प्रयोग प्रणाली
(4) समानान्तर प्रणाली
150. एक बालक जिसकी शिक्षा लब्धि 85 से कम है, उसके सीखने संबंधी कठिनाइयों का ज्ञान प्राप्त करने की क्रिया को क्या कहा जाता है?
(1) निदानात्मक शिक्षण
(2) उपचारात्मक शिक्षण
(3) निदानात्मक व उपचारात्मक शिक्षण
(4) सम्प्राप्ति शिक्षण