गजानन माधव मुक्ति बोध (1917 – 1964)
❖जन्म – श्योपुर कस्बा , ग्वालियर , मध्यप्रदेश में।
❖1954 में नागपुर विश्वविद्यालय से एम.ए. की डिग्री प्राप्त की।
❖लंबे समय तक नया खून नामक साप्ताहिक पत्रिका का सम्पादन करने के बाद दिग्विजय महाविद्यालय , राजनांदगांव में अध्यापन कार्य किया।
❖मार्क्सवादी विचार धारा से प्रभावित।
❖पहली बार उनकी कविताएं 1943 में अज्ञेय द्वारा संपादित तार सप्तक में छपी।
❖मुक्तिबोध नयी कविता के प्रमुख कवि हैं।
❖उनकी संवेदना और ज्ञान का दायरा अत्यंत व्यापक है।
❖गहन विचार शीलता और विशिष्ट भाषा शिल्प के कारण उनके साहित्य की एक अलग ही पहचान है।
❖मुक्तिबोध के साहित्य की सबसे बड़ी विशेषता आत्मालोचन की प्रवृत्ति है।
मुक्तिबोध के काव्य संग्रह –
❖चाँद का मुँह टेढ़ा है और भूरी भूरी खाक धूल
❖नए साहित्य का सौंदर्य शास्त्र
❖कामायनी : एक पुनर्विचार
❖एक साहित्यिक की डायरी
❖मुक्तिबोध की सभी रचनाएँ मुक्तिबोध रचनावली में छह खंडों में प्रकाशित हैं।