हिंदी साहित्य

Hindisahitya

हिंदी साहित्य का इतिहास

रीतिकाल (1643 ई. से 1843 ई. तक)

आचार्य रामचंद्र शुक्ल ने अपने ग्रंथ हिंदी साहित्य का इतिहास में संवत 1700 से संवत 1900 ( 1643 ई. से 1843 ई. ) तक के काल को उत्तर मध्य काल अथवा रीतिकाल नाम दिया ।

मिश्र बंधु ने इसे  अलंकृत काल कहा ।

विश्वनाथ प्रसाद ने श्रृंगार काल की संज्ञा दी।

रीतिबद्ध धारा के प्रमुख कवि

चिंतामणि त्रिपाठी (1609 – 1685)

मतिराम

भूषण ( 1613 – 1715)

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