हिंदी साहित्य का इतिहास
भक्तिकाल (1318 ई. से 1643 ई. तक)
भारतीय धर्म साधना के इतिहास में भक्ति मार्ग का विशिष्ट स्थान है।
आचार्य रामचंद्र शुक्ल ने धर्म की भावात्मक अनुभूति को भक्ति कहा है।
भारत मे प्राचीन काल से ही धर्म और मोक्ष की साधना के लिए तीन मुख्य मार्ग प्रचलित रहे हैं – 1. कर्म 2. ज्ञान व 3. भक्ति